साक्षरता क्या है एवं इसकी परिभाषा (What is Literacy and Its Definition)

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साक्षरता क्या है एवं इसकी परिभाषा (What is Literacy and Its Definition)

साक्षरता (Literacy): साक्षरता से तात्पर्य किसी शब्द या वाक्य को पढ़ने या समझने से है। हर एक व्यक्ति जो शब्दों को पढ़ सकता है, उन्हे समझ सकता है तो वह व्यक्ति एक शिक्षित व्यक्ति के रूप मे गिना जाता है। अतः इस आधार पर हम कह सकतें है, की जब लोगों मे शब्दों को पढ़ने तथा उन्हे समझने का ज्ञान हो जाता है, तो इसे साक्षरता कहते है । ऐसे व्यक्ति जो पढ़ाई लिखाई से संबंधित कार्य करने मे सक्षम है उन्हे साक्षर व्यक्तियों की सूची मे रखा जाता है। अलग अलग देशों मे साक्षरता के भिन्न भिन्न मानक होते है। राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के अनुसार भारत मे यदि कोई व्यक्ति अपना स्वं का नाम लिखने और बोलने की योग्यता प्राप्त कर लेता है तो वह एक साक्षर व्यक्ति माना जाता है।

What is Literacy and Its Definition

साक्षरता से आप क्या समझते है तथा साक्षरता का महत्व क्या है?

साक्षरता का महत्व: साक्षरता शब्द स + अक्षर से बना है जिसका मतलब ज्ञान रखने वाला अर्थात पढ़ा लिखा होना है। अतः जो व्यक्ति साक्षर है वह लोगों के बीच वाद संवाद कर सकता है, वह अपने विचार लोगों के समक्ष रख सकता है। इससे लोगों के बीच उसकी पहचान बनती है। इसके अलावा वह राज्य कार्यों मे भी अपनी भूमिका निभा सकता है । इस आधार पर हम कह सकतें है की लोगों का साक्षर होना बहुत जरूरी है । इससे हमारे देश के विकास मे भी काफी वृद्धि देखने को मिलती है।

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साक्षरता दर से आप क्या समझते है ?

साक्षरता दर का मतलब किसी देश अथवा राज्य की कुल आबादी मे से शिक्षित लोगों का अनुपात होता है । अधिकतर यह प्रतिशत मे दर्शाया जाता है, लेकिन कभी कभी इसे प्रति – कोटी (प्रत्येक एक हजार पर ) भी लिखा जाता है । इसे समझने हेतु या इसका आकलन करने के लिए एक गणितीय सूत्र भी है जो निम्न प्रकार से है :-

साक्षरता दर प्रतिशत = शिक्षित जनसंख्या / कुल जनसंख्या ∗ 100

साक्षरता का गरीबी से क्या संबंध है? इस संबंध के पीछे क्या उत्तरदायी है ।

साक्षरता हमेशा गरीबी की विपरीत समानुपाती होती है। इसका साधारण सा मतलब है, जितनी ज्यादा साक्षरता बढ़ेगी उतनी ज्यादा गरीबी घटेगी। इसके अतिरिक्त अपवाद हर जगह मिल ही जाते है पर मुख्यतः यही देखा गया है, कि साक्षरता ही गरीबी मिटा सकती है । इस विषय मे कुछ बिन्दु नीचे दिए गए है जो इसे समझने मे आपकी सहायता करेंगे।

  • हर वर्ष सरकार गरीबों लोगों के लिए सैंकड़ो योजनाएं लाती रहती है, लेकिन जो निरक्षर है उन्हे ना तो इन योजनाओं के बारे में कुछ पता होता है और ना ही वो इनका फायदा उठा पते है।
  • इसके अलावा साक्षर व्यक्ति अपने हक को पहचानता है, उसे काम का उचित मूल्य मिल सकता है । इसके लिए जरूरी है सरकार के द्वारा न्यूनतम वेतन तय किया हुआ हो, लेकिन गरीब व्यक्ति जो निरक्षर है उन्हे अपने कार्य के के लिए उचित मूल्य नहीं मिल पाता है।
  • हमारे देश मे ऐसे कितने ही हजारों किस्से है, जब किसी गरीब घर से एक बच्चे ने पढ़कर ना केवल अपनी बल्कि अपने पूरे परिवार की गरीबी को धो दिया ।
  • साक्षरता से लोगों मे आगे बढ़ने, सम्मान प्राप्त करने और लोगों को जागरूक करने की भावनाएं जाग्रत होती है । जिससे एक समाज के साथ साथ देश को विकासशील बनने मे काफी योगदान मिलता है । निरक्षर लोगों मे यह प्रवर्ती कम देखने को मिलती है
  • एक व्यक्ति साक्षर होने पर अपने परिवार, समाज और राज्य के विकास मे काफी योगदान करता है । इससे लोगों मे प्रेमत्त्व की भावना बड़ती है । लेकिन ठीक इसके विपरीत एक निरक्षर व्यक्ति को ऐसा करने के लिए काफी मेहनत और सहारे की जरूरत होती है ।

अतः उपरोक्त बिन्दुओ के आधार पर आपको समझ आ गया होगा की साक्षरता किस प्रकार सिर्फ गरीबी दूर करने के लिए ही नहीं बल्कि देश, राज्य एवं अपने अपने समाज के विकास मे भी खास भूमिका निभाती है ।

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